Source The Hindu
Padrauna, उत्तर प्रदेश: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए पहले एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट (Integrated Air Drop Test – IADT) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण पैराशूट प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए आयोजित किया गया था, जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।
यह परीक्षण भारतीय वायुसेना के एक IL-76 विमान से 5 किलोमीटर की ऊंचाई से क्रू मॉड्यूल डेमोंस्ट्रेटर (CMD) को गिराकर किया गया। पैराशूट ने सफलतापूर्वक काम किया और CMD सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर उतरा। इस परीक्षण में विभिन्न चरणों को शामिल किया गया, जिसमें पैराशूट का खुलना, ड्रोग पैराशूट का डिप्लॉयमेंट और अंत में मुख्य पैराशूट का खुलना शामिल था, जिसने मॉड्यूल की लैंडिंग गति को कम किया।
इसरो के अधिकारियों ने इस परीक्षण को गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण पैराशूट प्रणाली के डिजाइन और प्रदर्शन को मान्य करता है और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गगनयान मिशन का लक्ष्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है। इस मिशन के लिए कई महत्वपूर्ण तकनीकों और प्रणालियों का विकास किया जा रहा है, जिसमें एक स्वदेशी क्रू मॉड्यूल, एक जीवन समर्थन प्रणाली और एक विश्वसनीय लॉन्च वाहन शामिल है। एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
