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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और ऐतिहासिक मिशन की तैयारी में है। देश का सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M5, जिसे प्यार से ‘बहुबली रॉकेट’ कहा जाता है, जल्द ही उड़ान भरने वाला है। इस मिशन के तहत इसरो अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेगा, जिससे भारत की दूरसंचार क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
इसरो के मुताबिक, LVM3-M5 मिशन का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा। यह रॉकेट 640 टन वजनी है और 4 टन से अधिक वज़न वाले उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित करने की क्षमता रखता है।
मिशन के तहत भेजा जाने वाला संचार उपग्रह देशभर में हाई-स्पीड इंटरनेट और डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। यह उपग्रह उन्नत तकनीकों से लैस है, जो दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्थिर और तेज संचार सेवाएं सुनिश्चित करेगा।
LVM3-M5 को इसरो का “मल्टी-मिशन” लॉन्च व्हीकल भी कहा जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल चंद्रयान-3 और गगनयान जैसे मिशनों में भी किया जा चुका है। इस बार इसके ज़रिए भारत की अंतरिक्ष संचार प्रणाली में एक नई छलांग लगने की उम्मीद है।
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि यह मिशन भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता का प्रतीक है और यह कदम देश को “स्पेस कम्युनिकेशन हब” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
इस मिशन के सफल होने पर भारत न केवल आत्मनिर्भर संचार नेटवर्क को और मज़बूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी स्पेस लॉन्च क्षमता को भी और ऊंचा उठाएगा।
