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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर गतिरोध एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बढ़ते टैरिफ दबाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा और दिल्ली की ‘रेड लाइंस’ साफ तौर पर तय हैं।
जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन यह बातचीत समानता और सम्मान के आधार पर होनी चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि अमेरिका यदि टैरिफ का दबाव बढ़ाता है, तो भारत उसके खिलाफ वैकल्पिक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।
विदेश मंत्री के इस बयान को ऐसे समय में अहम माना जा रहा है जब अमेरिका ने भारतीय इस्पात और एल्युमिनियम निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। इसके अलावा अमेरिकी प्रशासन ने भारत के कृषि और दवा निर्यात को लेकर भी कड़े नियम लागू करने के संकेत दिए हैं।
जयशंकर ने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था अब किसी भी दबाव को झेलने में सक्षम है। हम सहयोग चाहते हैं, लेकिन शर्तें थोपे जाने की स्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते में भारत की घरेलू उद्योग और किसानों के हित सर्वोपरि होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह मसला भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा तय कर सकता है। जहां अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार को अमेरिकी सामान के लिए और ज्यादा खोले, वहीं भारत परंपरागत और उभरते उद्योगों की रक्षा करना चाहता है।
ट्रंप की ‘टैरिफ आक्रामकता’ ने न केवल भारत, बल्कि यूरोप और चीन जैसे बड़े आर्थिक खिलाड़ियों के साथ भी अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में खटास पैदा की है। अब देखना होगा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता किस दिशा में आगे बढ़ती है।
