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नई दिल्ली: अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की दिल्ली यात्रा के दौरान, शुक्रवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक हुई, जो 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है।
इस उच्च-स्तरीय वार्ता में, भारत ने अफगानिस्तान के साथ अपने सदियों पुराने मित्रता और विकास की साझेदारी को दोहराते हुए, तालिबान सरकार को कई महत्वपूर्ण सहयोग की पेशकश की। भारत ने मानवीय सहायता से परे जाकर आर्थिक, स्वास्थ्य और कूटनीतिक सहयोग का हाथ बढ़ाया है।
अफगानिस्तान के तालिबान सरकार को भारत की 10 प्रमुख पेशकश:
काबुल में दूतावास का उन्नयन (Embassy Upgrade): भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को दूतावास के स्तर तक उन्नत करने की घोषणा की, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कूटनीतिक कदम है।
छह नए स्वास्थ्य परियोजनाएँ: भारत अफगानिस्तान के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए छह नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार है, जिसके विवरण पर चर्चा जारी है।
20 एंबुलेंस का उपहार: सद्भावना के तौर पर भारत ने अफगानिस्तान को 20 एंबुलेंस देने की पेशकश की, जिनमें से 5 को प्रतीकात्मक रूप से मुत्ताकी को सौंपा गया।
मेडिकल उपकरण और दवाएँ: अफगान अस्पतालों के लिए एमआरआई (MRI) और सीटी स्कैन (CT Scan) मशीनें, टीकाकरण के लिए वैक्सीन, और कैंसर की दवाएं भारत द्वारा दी जाएंगी।
व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा: दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। काबुल और नई दिल्ली के बीच अतिरिक्त उड़ानों का संचालन शुरू करने का स्वागत किया गया।
शिक्षा और क्षमता निर्माण: अफगान छात्रों के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन के रास्ते खोले जाएंगे और क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों का विस्तार किया जाएगा।
पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का रखरखाव: अफगानिस्तान में भारत द्वारा निर्मित सलमा बांध, संसद भवन और अन्य परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर चर्चा।
खुदाई के अवसरों में निवेश (Mining Opportunities): भारत ने अफगान कंपनियों को अफगानिस्तान में खनन के अवसरों का पता लगाने के निमंत्रण की सराहना की, जिससे निवेश के नए रास्ते खुल सकते हैं।
आतंकवाद पर समन्वय: सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों के समन्वय और भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अफगानिस्तान की संवेदनशीलता की सराहना की गई। मुत्ताकी ने अफगान धरती का भारत के खिलाफ इस्तेमाल न होने देने का आश्वासन दिया।
भोजन और मानवीय सहायता: भूकंप जैसी आपदाओं में भारत ‘पहले प्रतिक्रिया देने वाले’ (First Responder) के तौर पर सहायता देता रहा है और अफगान लोगों को भोजन सहायता जारी रखने का वादा किया।
इस मुलाकात को भारत-अफगानिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ माना जा रहा है। मुत्ताकी ने भारत को एक ‘करीबी दोस्त’ बताया और विश्वास जताया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ाएगी।
