Source The Hindu
नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाज़ी के लिए एक और गौरवशाली दिन, जब हरियाणा की जैसमिन लंबोरिया ने महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ, वह इस प्रतिष्ठित खिताब को हासिल करने वाली नौवीं भारतीय मुक्केबाज़ बन गई हैं।
यह मुकाबला जैसमिन के लिए बिल्कुल आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने अद्भुत प्रदर्शन और दृढ़ संकल्प के साथ विरोधी को मात दी। फाइनल मुकाबले में, उन्होंने अपनी तेज़ गति और सटीक पंचों का शानदार प्रदर्शन किया, जिससे प्रतिद्वंद्वी को वापसी का मौका ही नहीं मिला। उनकी इस जीत ने देश को गौरवान्वित किया है और युवा खिलाड़ियों के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान की है।
जैसमिन का सफर मुश्किलों भरा रहा है। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से अपनी कला को निखारा है। उनकी इस सफलता के पीछे उनके कोच और परिवार का भी बड़ा योगदान रहा है। उनकी जीत ने साबित कर दिया है कि अगर किसी में प्रतिभा और लगन हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
इस जीत के बाद, जैसमिन ने कहा, “यह मेरे लिए एक अविश्वसनीय पल है। मैंने इस दिन के लिए बहुत मेहनत की थी। यह पदक मेरे देश के लिए है।”
खेल जगत और सरकार ने जैसमिन को उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी है। यह जीत भारतीय मुक्केबाज़ी के सुनहरे भविष्य की ओर इशारा करती है, जहां हमारे खिलाड़ी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। जैसमिन लंबोरिया की यह उपलब्धि न सिर्फ़ उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।
