SOURCE Bar and Bench
नई दिल्ली: जेएसडब्ल्यू स्टील ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के परिसमापन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 2 मई, 2025 के फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। कंपनी ने बुधवार, 25 जून, 2025 को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने शीर्ष अदालत में यह याचिका दाखिल कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को अपने आदेश में जेएसडब्ल्यू स्टील की भूषण पावर के लिए ₹19,700 करोड़ की समाधान योजना को रद्द कर दिया था और कर्ज में डूबी कंपनी के परिसमापन का निर्देश दिया था। यह फैसला उस अधिग्रहण के लगभग चार साल बाद आया था, जो इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत पूरा हुआ था।
शीर्ष अदालत ने 26 मई को भूषण पावर के परिसमापन की कार्यवाही पर यथास्थिति (स्टेटस क्वो) बनाए रखने का आदेश दिया था, जिससे जेएसडब्ल्यू स्टील को समीक्षा याचिका दायर करने का समय मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर परिसमापन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो जेएसडब्ल्यू स्टील की पुनर्विचार याचिका का कोई औचित्य नहीं रहेगा।
जेएसडब्ल्यू स्टील के अलावा, भूषण पावर के कई लेनदारों, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक जैसे प्रमुख बैंक शामिल हैं, ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अलग से पुनर्विचार याचिकाएं दायर की हैं।
सुप्रीम कोर्ट का 2 मई का फैसला कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत स्वीकृत और लागू की गई योजनाओं के अंतिम स्वरूप पर सवाल खड़े करता है। इस फैसले ने न केवल जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को अमान्य कर दिया, बल्कि कंपनी के परिसमापन का भी आदेश दिया, बावजूद इसके कि यह सौदा पहले ही पूरा हो चुका था और जेएसडब्ल्यू स्टील ने परिचालन नियंत्रण भी ले लिया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई, 2025 को गर्मी की छुट्टियों के बाद होने की संभावना है। इस पुनर्विचार याचिका का परिणाम भारत में दिवालियापन समाधान प्रक्रियाओं और पहले से स्वीकृत योजनाओं पर उच्च न्यायपालिका के निर्णयों के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
