Source Times Now
पडरौना, उत्तर प्रदेश, भारत: कोविड-19 महामारी के बाद, केरल राज्य अब एक और गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है – हेपेटाइटिस का तेजी से बढ़ता प्रकोप। इस साल अप्रैल के अंत तक राज्य में हेपेटाइटिस के 3,227 पुष्ट मामले और 16 मौतें दर्ज की गई हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है और तत्काल सलाह जारी की गई है। पिछले साल, दक्षिणी राज्य में हेपेटाइटिस ए के 7,943 मामले और 81 मौतें दर्ज की गई थीं, जिसमें मलप्पुरम और एर्नाकुलम के वेंगूर जैसे जिलों में कई प्रकोप देखे गए थे।
हेपेटाइटिस का केंद्र बनता केरल
त्रिशूर हेपेटाइटिस का केंद्र बनकर उभरा है, जहाँ मई में 57 लोग संक्रमित हुए। एर्नाकुलम, मलप्पुरम और हाल ही में कोझिकोड भी सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी ज्यादातर गर्मियों में फैलती है जब पानी की कमी होती है और लोग दूषित पानी का सेवन करते हैं।
लिवर में सूजन: हेपेटाइटिस का मुख्य कारण
हेपेटाइटिस, लिवर में सूजन (inflammation) को संदर्भित करने वाला एक सामान्य शब्द है। लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो कई आवश्यक कार्य करता है, जिसमें विषहरण, प्रोटीन संश्लेषण और पाचन में सहायता शामिल है। जब लिवर में सूजन आ जाती है, तो यह अपने कार्यों को ठीक से नहीं कर पाता, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
लिवर में सूजन के प्रमुख कारण:
* वायरल संक्रमण (Viral Infections): यह हेपेटाइटिस का सबसे आम कारण है। हेपेटाइटिस वायरस के कई प्रकार हैं – ए, बी, सी, डी और ई।
* हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) और ई (Hepatitis E): ये आमतौर पर दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलते हैं। केरल में वर्तमान प्रकोप में हेपेटाइटिस ए के मामलों की संख्या अधिक है, जो दूषित पानी के सेवन से जुड़ा है।
* हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और सी (Hepatitis C): ये संक्रमित रक्त, शरीर के तरल पदार्थ या सुइयों के संपर्क में आने से फैलते हैं। ये पुरानी बीमारियाँ हो सकती हैं और लिवर को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे सिरोसिस या लिवर कैंसर हो सकता है।
* हेपेटाइटिस डी (Hepatitis D): यह केवल हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित लोगों को ही प्रभावित करता है।
* शराब का अत्यधिक सेवन (Excessive Alcohol Consumption): लंबे समय तक शराब का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है और अल्कोहलिक हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है, जिससे लिवर में गंभीर सूजन आ जाती है।
* फैटी लिवर रोग (Fatty Liver Disease): नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) तब होता है जब लिवर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है, जिससे सूजन भी हो सकती है। मोटापा, मधुमेह और अस्वस्थ आहार इसके प्रमुख कारण हैं।
* दवाएं और विषाक्त पदार्थ (Medications and Toxins): कुछ दवाएं, रसायन या जड़ी-बूटियां लिवर के लिए विषाक्त हो सकती हैं और सूजन का कारण बन सकती हैं। अत्यधिक मात्रा में पैरासिटामोल (acetaminophen) का सेवन भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
* ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis): यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही लिवर पर हमला करती है, जिससे सूजन और क्षति होती है।
* आनुवंशिक रोग (Genetic Disorders): कुछ आनुवंशिक स्थितियां, जैसे हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) या विल्सन रोग (Wilson’s disease), लिवर में पदार्थों के जमाव का कारण बन सकती हैं, जिससे सूजन होती है।
बचाव और सतर्कता:
जिला चिकित्सा अधिकारी टी. श्रीदेवी ने निवासियों से केवल उबला हुआ और उपचारित पानी पीने का आग्रह किया है। होटलों और भोजनालयों को भी पीने के पानी को उबालने और ठंडे और गर्म पानी को मिलाने से बचने के लिए तत्काल सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। व्यक्तिगत स्वच्छता, विशेष रूप से भोजन से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोना, भी महत्वपूर्ण है।
केरल में हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग लोगों से लक्षणों पर ध्यान देने और तत्काल चिकित्सा सहायता लेने का आग्रह कर रहा है। शुरुआती पहचान और समय पर उपचार से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
