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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान तालिबान को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि देश में कोई आतंकी हमला होता है, तो पाकिस्तान तालिबान शासन को “पूरी तरह से मिटा देगा” और उन्हें वापस “गुफाओं” में धकेल देगा। यह तीखी प्रतिक्रिया इस्तांबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय शांति वार्ता के विफल होने के बाद आई है।
⚠️ आसिफ की सख्त चेतावनी
ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर एक कड़े बयान में कहा कि पाकिस्तान ने “भाईचारे वाले देशों” के अनुरोध पर शांति को एक मौका दिया, लेकिन अफगान अधिकारियों के “जहरीले बयान” तालिबान शासन की “कुटिल मानसिकता” को दर्शाते हैं।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान को तालिबान शासन को खत्म करने के लिए अपने “पूरे शस्त्रागार के एक अंश” का भी उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है।
“हमने आपके धोखे और उपहास को बहुत लंबे समय तक सहा है, लेकिन अब और नहीं। पाकिस्तान के अंदर किसी भी आतंकवादी हमले या आत्मघाती हमले का दुस्साहस आपको कड़वा स्वाद चखाएगा। निश्चिंत रहें और यदि आप चाहें, तो हमारे संकल्प और क्षमताओं का परीक्षण अपने जोखिम और विनाश के आधार पर करें।”
🤝 वार्ता क्यों हुई विफल?
तुर्की (तुर्किये) में हुई यह शांति वार्ता सीमा पार आतंकवाद और बढ़ते सैन्य तनाव को कम करने के उद्देश्य से की गई थी। पाकिस्तान की मुख्य मांग थी कि अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे उग्रवादियों को पाकिस्तान पर हमला करने से रोकने के लिए करे।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने वार्ता विफल होने की पुष्टि करते हुए काबुल पर आतंकवाद को नियंत्रित करने की अपनी लिखित प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, अफगान पक्ष ने पाकिस्तान की मांगों को “तर्कहीन” बताते हुए मानने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उसकी धरती का उपयोग पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जा रहा है। बातचीत गतिरोध के साथ समाप्त हो गई, जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर है।
