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फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद में एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद अब जांच में लखनऊ की एक महिला डॉक्टर की कथित भूमिका सामने आई है, जिसने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि यह ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी नेटवर्क जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था, जिसका संबंध जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गज़वत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से बताया जा रहा है।
डॉक्टर की गिरफ्तारी और एके-47 कनेक्शन
लखनऊ की डॉ. शाहीन (Dr. Shaheen) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी धौज गांव में एक किराए के मकान से 360 किलोग्राम विस्फोटक (संभवतः अमोनियम नाइट्रेट) और भारी मात्रा में हथियार बरामद होने के बाद हुई।
कार से हथियार: बताया जा रहा है कि फरीदाबाद से गिरफ्तार कश्मीरी डॉक्टर मुज़म्मिल गनई जिस कार का इस्तेमाल करता था, वह डॉ. शाहीन के नाम पर पंजीकृत थी। इसी कार से एक एके-47 राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
पूछताछ: डॉ. शाहीन को हिरासत में पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है। एजेंसियां उसके वित्तीय लेनदेन, कॉल रिकॉर्ड और यात्रा विवरण की बारीकी से जांच कर रही हैं ताकि यह पता चल सके कि वह कब से इस समूह के कट्टरपंथी मंसूबों से वाकिफ थी और फंडिंग में उसकी क्या भूमिका थी।
‘डॉक्टरों का नेटवर्क‘: इस मामले में अब तक तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांचकर्ताओं का मानना है कि उच्च शिक्षित पेशेवर, जैसे कि डॉक्टर और प्रोफेसर, अपने पेशे की आड़ में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने, नई भर्ती करने और आतंकी फंडिंग (Terror Funding) व लॉजिस्टिक्स (Logistics) की व्यवस्था करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे।
विस्फोटक और हथियारों का जखीरा
इस मॉड्यूल के भंडाफोड़ से कुल 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री जब्त की गई है। फरीदाबाद के ठिकाने से बरामद सामग्री में 360 किलो विस्फोटक के अलावा असॉल्ट राइफल, पिस्तौल, टाइमर, बैटरी, रिमोट कंट्रोल और अन्य बम बनाने का सामान शामिल था।
सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि इस विस्फोटक सामग्री का स्रोत क्या था और इन आतंकियों के निशाने पर कौन से बड़े टारगेट थे। देश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
