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लेह-लद्दाख में सोमवार को हालात अचानक बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई इलाकों में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाओं को भी एहतियातन निलंबित कर दिया गया है।
झड़पें उस समय हुईं जब स्थानीय समूह अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। ये मांगें मुख्य रूप से छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, रोजगार गारंटी और पर्यावरणीय संरक्षण से जुड़ी हुई थीं।
घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इसी बीच, प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने अपनी जारी भूख हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हालात की गंभीरता को देखते हुए अब संघर्ष को शांतिपूर्ण और संवाद के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाएगा। वांगचुक ने प्रशासन से अपील की कि वह जनता की आवाज को सुने और हिंसा की घटनाओं को दोहराने से बचने के लिए ठोस कदम उठाए।
स्थानीय प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि जल्द ही संवाद की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि लद्दाख के लोगों की चिंताओं का समाधान निकाला जा सके।
फिलहाल, लेह-लद्दाख में माहौल तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताया जा रहा है। सुरक्षा बलों की गश्त लगातार जारी है और हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
