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नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से चल रहे गतिरोध के बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद संसद के निचले सदन का कामकाज सोमवार (28 जुलाई) से सुचारू रूप से चलने की संभावना है। बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बनी है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सदन में व्यापक चर्चा की जाएगी।
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी, लेकिन विपक्ष के लगातार विरोध प्रदर्शनों के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही थी। विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान ‘संघर्ष विराम’ के दावे और पहलगाम आतंकी हमले जैसे मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा था।i
सर्वदलीय बैठक में, ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं से सदन की गरिमा बनाए रखने और सार्थक चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी पुष्टि की है कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर पूरी चर्चा के लिए तैयार है।
सूत्रों के अनुसार, यह तय किया गया है कि सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा होगी। इस चर्चा के 16 घंटे तक चलने की उम्मीद है। मंगलवार को राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर चर्चा होगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और रणनीतिक मुद्दा है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इस पर सदन में गरमागरम बहस होगी।
विपक्ष ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों सदनों और देश को संबोधित करना चाहिए। अब जब सदन में सुचारू कामकाज की सहमति बन गई है, तो उम्मीद है कि संसद देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श कर सकेगी।
