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सातारा। महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने सनसनी फैला दी है। फलटन तहसील के एक होटल में डॉक्टर का शव फंदे से लटका मिला। उनकी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट ने मामले में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। नोट में दो पुलिसकर्मियों पर बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस घटना से जुड़े 5 बड़े दावे और अहम पहलू निम्नलिखित हैं:
1. हथेली पर लिखा सुसाइड नोट और गंभीर आरोप
मृतका ने अपनी हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। प्रमुख आरोप हैं:
एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) गोपाल बदने पर पिछले पांच महीनों में 4 बार बलात्कार करने का आरोप।
दूसरे व्यक्ति प्रशांत बनकर पर पिछले पांच महीनों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप।
2. पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज और निलंबन
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने सुसाइड नोट में नामजद दोनों आरोपियों, PSI गोपाल बदने और प्रशांत बनकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
आरोपी PSI गोपाल बदने को तुरंत ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है।
आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं।
3. वरिष्ठों द्वारा उत्पीड़न और झूठी रिपोर्ट का दबाव
डॉक्टर के परिजनों ने कुछ और सनसनीखेज खुलासे किए हैं:
मृतका के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले ही डॉक्टर ने उन्हें बताया था कि कार्यस्थल पर कुछ वरिष्ठ कर्मी उसे परेशान कर रहे हैं।
डॉक्टर के भाई ने दावा किया कि उस पर शव विच्छेदन (Post Mortem) की झूठी रिपोर्ट बनाने के लिए भी दबाव डाला जा रहा था, जिससे वह गहरे मानसिक तनाव में थी।
4. पुलिस अधिकारियों को पहले भी की थी शिकायत
परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उत्पीड़न की शिकायत दो-तीन बार पुलिस अधीक्षक (SP) और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) को पत्र लिखकर भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय पर कार्रवाई होती तो शायद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रोकी जा सकती थी।
5. महिला आयोग ने लिया संज्ञान, सख्त कार्रवाई के आदेश
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने इस मामले का संज्ञान लिया है।
उन्होंने सतारा पुलिस को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और न्याय की मांग तेज हो गई है।
