Source The Hindu
मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल का आमरण अनशन मुंबई के आज़ाद मैदान में तीसरे दिन भी जारी है। सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद जरांगे ने अपना रुख और कड़ा कर लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे कल से पानी पीना भी बंद कर देंगे।
जरांगे की मुख्य मांग मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत आरक्षण देना है। उनका कहना है कि सभी मराठों को ‘कुनबी’ के रूप में मान्यता दी जाए, जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र हो सकें। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे का संवैधानिक और कानूनी दायरे में समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। सरकार ने एक मंत्रिमंडल उप-समिति का गठन भी किया है, जो जरांगे की मांगों पर विचार कर रही है।
इस बीच, हजारों की संख्या में मराठा समर्थक आजाद मैदान में डटे हुए हैं, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। मुंबई पुलिस और नागरिक प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जहां कुछ ने जरांगे का समर्थन किया है, वहीं कुछ ने सरकार के रुख का बचाव किया है। यह आंदोलन अब एक निर्णायक मोड़ पर आ गया है, और सभी की निगाहें सरकार और जरांगे के अगले कदम पर टिकी हैं।
