Source Aljajeera
काठमांडू, नेपाल – प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर गया है। देश भर में चल रहे Gen Z के विरोध प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों के बीच ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे ने नेपाल की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है, और अब सवाल यह है कि इस संकट से देश को कौन बाहर निकालेगा।
कौन संभालेगा कमान?
ओली के इस्तीफे के बाद, अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में कई नाम सामने आ रहे हैं। इस रेस में सबसे आगे काठमांडू के लोकप्रिय मेयर बालेन शाह और पूर्व गृह मंत्री रबी लामिछाने माने जा रहे हैं। दोनों ही युवा नेताओं को Gen Z का भारी समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने इन विरोध प्रदर्शनों को गति दी।
बालेन शाह, जो एक युवा रैपर से मेयर बने हैं, अपनी सादगी और भ्रष्टाचार विरोधी छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है। वहीं, रबी लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने अपने सांसदों के इस्तीफे के साथ ओली पर दबाव बनाया था, जिससे उन्हें युवाओं का भी समर्थन मिला है। हालाँकि, नेपाल में पिछले 17 वर्षों में 14 सरकारें बनी हैं, जो देश की राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाती है। इसलिए, अगला नेतृत्व कौन संभालेगा और क्या वह स्थिरता ला पाएगा, यह देखना बाकी है।
Gen Z का आंदोलन और उनकी मांगें
नेपाल में यह विरोध प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह दशकों से चले आ रहे भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और आर्थिक कुप्रबंधन के खिलाफ Gen Z का गुस्सा है। शुरुआत में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही व्यापक रूप से फैल गया, जिसमें युवा पीढ़ी ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक बदलाव की मांग की।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
प्रतिनिधि सभा को भंग करना: उनका मानना है कि वर्तमान संसद ने जनता का विश्वास खो दिया है।
नए संविधान का निर्माण: प्रदर्शनकारी एक ऐसा संविधान चाहते हैं, जिसमें नागरिकों, विशेषज्ञों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी हो।
प्रत्यक्ष चुनाव और मजबूत नेतृत्व: वे एक सीधे निर्वाचित कार्यकारी नेतृत्व की स्थापना चाहते हैं, जो जनता के प्रति जवाबदेह हो।
भ्रष्टाचार की जांच: दशकों से लूटी गई संपत्ति की जांच और अवैध संपत्तियों के राष्ट्रीयकरण की मांग भी जोर पकड़ रही है।
Gen Z का यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय लिख रहा है। यह अब केवल सरकार बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संरचनात्मक और संवैधानिक बदलाव की मांग है। इस आंदोलन ने नेपाल की राजनीतिक पार्टियों को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि युवा पीढ़ी अब यथास्थिति स्वीकार करने को तैयार नहीं है। इस आंदोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या राजनीतिक नेतृत्व उनकी मांगों को गंभीरता से लेता है और उन्हें पूरा करने के लिए कदम उठाता है।
यह वीडियो नेपाल में चल रहे Gen Z विद्रोह और उसके कारणों पर प्रकाश डालता है।
