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सना, यमन: यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा रद्द कर दी गई है और उनकी जल्द रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ईसाई प्रचारक और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. के.ए. पॉल ने मंगलवार रात (स्थानीय समयानुसार) सना से एक वीडियो संदेश में यह दावा किया। उन्होंने यमन और भारत के नेताओं के गहन राजनयिक प्रयासों और लगातार 10 दिनों तक चौबीसों घंटे किए गए काम के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद किया।
डॉ. के.ए. पॉल ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मैं उन सभी नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जो निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा रद्द करने में इस बड़ी सफलता को हासिल करने में शामिल रहे। ईश्वर की कृपा से, उन्हें रिहा कर भारत लाया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि वे भारत सरकार के सहयोग से सना जेल से ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की के रास्ते निमिषा की सुरक्षित वापसी के लिए लॉजिस्टिक व्यवस्था कर सकते हैं।
यह खबर उन अटकलों और चिंताओं के बीच आई है जब पिछले सप्ताह ही विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की थी कि निमिषा प्रिया की फांसी की सज़ा को 16 जुलाई, 2025 को अस्थायी रूप से टाल दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया था कि भारत सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें कानूनी सहायता और परिवार की मदद के लिए एक वकील नियुक्त करना शामिल है।
निमिषा प्रिया को 2017 में एक यमनी नागरिक, तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में यमन में मौत की सज़ा सुनाई गई थी। इस मामले में “ब्लड मनी” (दिया) के माध्यम से पीड़ित परिवार के साथ समझौता करने के प्रयास चल रहे थे, जो कि यमनी शरिया कानून के तहत रिहाई का एकमात्र शेष विकल्प था।
डॉ. के.ए. पॉल के दावे से पहले, भारत सरकार ने लगातार यह दोहराया था कि वह इस “संवेदनशील मामले” पर बारीकी से नज़र रख रही है और सभी संभव सहायता प्रदान कर रही है। इसमें यमनी अधिकारियों और क्षेत्र में कुछ “मित्र देशों” के साथ संपर्क में रहना भी शामिल था।
निमिषा प्रिया की रिहाई की खबर, यदि इसकी आधिकारिक पुष्टि होती है, तो यह भारत के लिए एक बड़ी राजनयिक जीत होगी और उनकी जान बचाने के लिए किए गए अथक प्रयासों का परिणाम होगी।
