मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस परिवर्तन का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्सवों में एकरूपता लाना है। इसके साथ ही, 5 मार्च को सरकारी अवकाश भी निरस्त कर दिया गया है।
इस निर्णय पर विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजद के वरिष्ठ नेता संजय दास बर्मा ने कहा कि बीजू पटनायक ने पंचायती राज व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, और उनकी जयंती पर पंचायती राज दिवस मनाना उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का तरीका था। उन्होंने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा भी की है।
कांग्रेस ने भी इस निर्णय की आलोचना की है। ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने भाजपा सरकार पर ओडिशा के संस्थापक मधु बाबू और बीजू पटनायक का अपमान करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि ओडिशा में 1990 के दशक से 5 मार्च को बीजू पटनायक की जयंती के अवसर पर ‘पंचायती राज दिवस’ मनाया जाता रहा है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दिवस 24 अप्रैल को मनाया जाता है। सरकार के इस नए निर्णय से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पंचायती राज से जुड़े कार्यक्रमों में समन्वय स्थापित होने की उम्मीद है।
इस परिवर्तन के बाद, 5 मार्च को राज्य के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल खुले रहेंगे, जैसा कि स्कूल और जनशिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में उल्लेखित है।
इस निर्णय ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और आगामी दिनों में इस पर और प्रतिक्रियाएं देखने को मि
ल सकती हैं।