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पाकिस्तान का साब 2000 ‘शूट डाउन’! क्यों यह नुकसान IAF के राफेल से भी बड़ा झटका है?

Source The Eurasian time

नई दिल्ली: हाल की घटनाओं में, पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) के एक महत्वपूर्ण हवाई निगरानी और नियंत्रण (AEW&C) विमान, साब 2000 एरियय को मार गिराया गया है। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा रणनीतिक झटका मानी जा रही है, जिसे कई विशेषज्ञ भारतीय वायु सेना (IAF) के राफेल विमान के संभावित नुकसान से भी बड़ा मान रहे हैं। यह सिर्फ एक विमान का नुकसान नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता की रीढ़ की हड्डी पर हमला है।

क्या है AEW&C विमान और क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

एक AEW&C विमान को अक्सर “हवा में उड़ती आंख” कहा जाता है। यह एक शक्तिशाली रडार और संचार प्रणाली से लैस होता है, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और जमीनी ठिकानों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और अपनी सेना को नियंत्रित करने में सक्षम होता है। यह एक कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में कार्य करता है, जो लड़ाकू विमानों को निर्देश देता है और हवाई युद्ध की स्थिति पर नजर रखता है।

पाकिस्तान के पास सीमित संख्या में ही ये विमान हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पास स्वीडन से खरीदे गए कुछ साब 2000 एरियय और चीन से खरीदे गए ZDK-03 कराकोरम ईगल विमान हैं। इनमें से एक का भी नुकसान उनके हवाई संचालन पर गहरा असर डालता है।

राफेल की तुलना में क्यों बड़ा नुकसान?

भारत के पास भी राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं। अगर भारत का एक राफेल विमान भी नष्ट हो जाता है, तो यह निश्चित रूप से एक बड़ा नुकसान होगा। हालांकि, भारत के पास राफेल के अलावा बड़ी संख्या में सुखोई-30 MKI, मिराज 2000 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों का एक विशाल बेड़ा है। इसके अलावा, भारत ने हाल ही में बड़ी संख्या में राफेल विमान खरीदे हैं, और भविष्य में और भी खरीदने की योजना है। इसलिए, एक राफेल का नुकसान भले ही दुखद हो, लेकिन यह भारत की समग्र हवाई क्षमता को उतना प्रभावित नहीं करेगा।

वहीं, पाकिस्तान के पास AEW&C विमानों की संख्या बहुत कम है। इनमें से एक का भी नष्ट होना उनकी हवाई निगरानी और नियंत्रण क्षमताओं को गंभीर रूप से कमजोर कर देता है। यह पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को “अंधा” कर देता है, जिससे वे दुश्मन के हमलों का प्रभावी ढंग से जवाब नहीं दे पाते। इस तरह का नुकसान न केवल उनकी रक्षा क्षमताओं को कमजोर करता है, बल्कि उनकी आक्रमण क्षमता को भी प्रभावित करता है, क्योंकि वे अब अपने लड़ाकू विमानों को उतना प्रभावी ढंग से निर्देशित नहीं कर पाएंगे।

रणनीतिक महत्व

इस तरह के उच्च-मूल्य वाले एसेट का नुकसान पाकिस्तान के लिए कई रणनीतिक चुनौतियाँ खड़ी करता है:

हवाई निगरानी में कमी: पाकिस्तान अब भारत की हवाई गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से नजर नहीं रख पाएगा, जिससे भारतीय वायु सेना को एक रणनीतिक लाभ मिलेगा।

कमजोर कमांड और कंट्रोल: AEW&C विमान की कमी से पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों का आपसी तालमेल बिगड़ जाएगा, जिससे वे भारतीय हमलों का सही समय पर और सही तरीके से जवाब नहीं दे पाएंगे।

मनोबल पर असर: इस तरह के अत्याधुनिक विमान का नुकसान पाकिस्तानी वायु सेना के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि यह उनकी कमजोरियों को उजागर करता है।

संक्षेप में, एक AEW&C विमान का नुकसान पाकिस्तान के लिए एक लड़ाकू विमान के नुकसान से कहीं ज्यादा गंभीर है। यह उनकी हवाई युद्ध क्षमताओं की नींव को हिला देता है और उन्हें भविष्य के किसी भी संभावित संघर्ष में एक कमजोर स्थिति में डाल देता है।

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