Source The Hindu
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के आठवें दिन बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि “मैं दुनिया के सामने घोषणा करता हूं, हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते।” उनका यह बयान पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चल रही बहस के दौरान आया। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा दिया गया।
गृह मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि ऑपरेशन महादेव में सुलेमान उर्फ फैजल, आसिफ और जिब्रान तीनों आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने सेना और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान की सराहना की और कहा कि ये वही आतंकवादी थे जिन्होंने पहलगाम में लोगों को बेरहमी से मारा था। उन्होंने यह भी बताया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ का नाम धर्म के आधार पर नहीं रखा गया है, बल्कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज के युद्ध घोष ‘हर हर महादेव’ से प्रेरित है, जो भारत की संप्रभुता पर हर हमले के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक है।
शाह ने अपनी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति पर जोर दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्र नष्ट कर दिए गए हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पहले सिर्फ डोजियर भेजे जाते थे, लेकिन अब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान में खौफ पैदा हो गया है।
राज्यसभा में बहस के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया, लेकिन शाह ने अपना संबोधन जारी रखा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी बहस में हिस्सा लिया और पिछली सरकारों पर आतंकवादी हमलों को होने देने और उसके बाद बातचीत फिर से शुरू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को भी तब तक के लिए स्थगित कर दिया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। जयशंकर ने कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अब 31 जुलाई, 2025 को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
