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माले, मालदीव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर शिरकत की। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की।
राजधानी माले के प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा किसी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष स्तर के विदेशी नेता की यह पहली मेजबानी भी है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ती निकटता को दर्शाता है।
समारोह की शुरुआत 21 तोपों की सलामी और मालदीवियन रक्षा बलों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई। सांस्कृतिक प्रदर्शनों और सैन्य परेड ने इस अवसर को और भी शानदार बना दिया, जिसमें मालदीव की समृद्ध विरासत और एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में उसकी यात्रा को खूबसूरती से दर्शाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के लोगों और सरकार को उनकी स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के सबसे विश्वसनीय साझेदारों में से एक होने पर गर्व महसूस करता है और भारत के लिए हमेशा “पड़ोसी पहले” की नीति रही है।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों नेताओं ने भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण ‘एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ को लागू करने में हुई प्रगति की समीक्षा की। भारत ने मालदीव के लिए 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा (लाइन ऑफ क्रेडिट) की घोषणा की और जल्द ही एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर भी सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने पीपल के मजलिस (मालदीव संसद) के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से भी मुलाकात की और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों से बातचीत की, जो मालदीव-भारत मित्रता के लिए द्विदलीय समर्थन को रेखांकित करता है।
यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब हाल के महीनों में “इंडिया आउट” अभियान और वर्तमान प्रशासन के चीन की ओर झुकाव के कारण संबंधों में कुछ तनाव देखा गया था। पीएम मोदी की इस यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण “रीसेट” के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग से उनके लोगों को बहुत लाभ हुआ है और दोनों देश आने वाले वर्षों में अपनी साझेदारी को गहरा करने की उम्मीद करते हैं।
इस वर्ष 2025 में भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के भी 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जो इस यात्रा को और भी विशेष बनाता है। पीएम मोदी की उपस्थिति दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग के गहरे बंधन को मजबूत करती है।
