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तियानजिन: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे को लेकर बीजिंग ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच एकजुटता और मित्रता को और मजबूत करेगी। यह यात्रा 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद पीएम मोदी की चीन की पहली यात्रा है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पुष्टि करते हुए कहा कि चीन, SCO तियानजिन शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी पक्षों के ठोस प्रयासों से, यह शिखर सम्मेलन एकता, मित्रता और उपयोगी परिणामों का प्रतीक बनेगा। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि SCO अब उच्च गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश करेगा, जिसमें अधिक एकजुटता, समन्वय, गतिशीलता और उत्पादकता होगी।
यह शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर में आयोजित हो रहा है। इसमें 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं। यह SCO की स्थापना के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है।
जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक स्तर पर कई देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका के साथ भारत और चीन दोनों के व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हैं। ऐसे में यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने और आपसी सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है।
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक होने की भी संभावना है। दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। उस बैठक के बाद ही दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए प्रयास तेज हुए थे। इस प्रस्तावित बैठक में दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद, व्यापारिक मुद्दों और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है।
