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नई दिल्ली: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाने के लिए लाए जा रहे एनडीए के प्रस्तावित विधेयकों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि संविधान निर्माताओं ने शायद ऐसी स्थिति की कल्पना नहीं की होगी, जिसमें कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री इतने लंबे समय तक पद पर रहेगा।
किशोर ने कहा, “प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हटाने के लिए लाए जा रहे ये विधेयक असंभव नहीं हैं। ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है और इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। हमारे संविधान निर्माताओं ने शायद यह नहीं सोचा था कि कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री 10-15 साल तक सत्ता में रहेगा और उसके बाद उसे हटाने के लिए कोई प्रावधान नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि आज की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, ऐसे विधेयक समय की मांग हैं। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करेंगे और सत्ता के दुरुपयोग को रोकेंगे।
हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। विपक्ष का कहना है कि ये विधेयक अलोकतांत्रिक हैं और सत्ता पक्ष इसका दुरुपयोग कर सकता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “ये विधेयक भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। ये सरकार की तानाशाही को दर्शाते हैं। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।”
