SOURCE The Economics Time
नई दिल्ली: त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) फर्मों पर सरकार का शिकंजा कसने वाला है। हाल ही में इन प्लेटफॉर्मों से जुड़े डार्क स्टोर (गोदामों) में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा से संबंधित बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार ने निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इन शिकायतों का संज्ञान लिया है, जहां डिलीवरी किए जाने वाले उत्पादों को खराब स्वच्छता स्थितियों वाले गोदामों में रखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) इस अभियान का नेतृत्व करेगा और देशभर के त्वरित वाणिज्य डार्क स्टोरों और अन्य भंडारण सुविधाओं पर औचक निरीक्षण बढ़ाएगा।
हाल के दिनों में, ब्लिंकिट और ज़ेप्टो जैसी प्रमुख त्वरित वाणिज्य कंपनियों के डार्क स्टोरों में खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों के मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, खाद्य वस्तुओं को फर्श पर रखने, कीट नियंत्रण प्रमाण पत्र की कमी, कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा कैप न पहनने, धूल भरी रैक पर भोजन रखने और कोल्ड स्टोरेज रूम में कैलिब्रेशन प्रमाण पत्र न होने जैसी कई अनियमितताएं पाई गई हैं। ज़ेप्टो की एक सुविधा में तो खाद्य पदार्थों पर फंगल ग्रोथ और स्थिर पानी के पास खाद्य भंडारण की शिकायतें भी मिली थीं।
सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। त्वरित वाणिज्य कंपनियों के तेजी से बढ़ते कारोबार के साथ ही, उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग भी बढ़ रही है। व्यापारी संगठनों ने भी इन कंपनियों द्वारा अनुचित मूल्य निर्धारण और एकाधिकार प्रथाओं पर चिंता व्यक्त की है।
उम्मीद है कि इस सरकारी कार्रवाई से त्वरित वाणिज्य क्षेत्र में बेहतर स्वच्छता मानकों और खाद्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित होगा, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा।
