Source Money control
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में संकेत दिया है कि रुपया विदेशी मुद्रा बाजार में सट्टा दबाव का सामना कर रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ, तो वह रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए आगे भी हस्तक्षेप करेगा।
आरबीआई के सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है। यह गिरावट केवल वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के कारण नहीं, बल्कि कुछ विदेशी निवेशकों और ट्रेडर्स द्वारा किए जा रहे सट्टा सौदों से भी जुड़ी है।
बैंक अधिकारियों ने बताया कि आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करके बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है ताकि रुपये को अत्यधिक उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके। इस समय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 650 अरब डॉलर के आसपास है, जिससे केंद्रीय बैंक के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से भारतीय मुद्रा पर अतिरिक्त दबाव बन रहा है। हालांकि, आरबीआई के समय पर कदम उठाने से रुपया निकट भविष्य में स्थिर हो सकता है।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि सट्टा गतिविधियों पर निगरानी और नियमित बाजार हस्तक्षेप से रुपया अपनी स्थिति संभाल सकता है। आरबीआई ने निवेशकों को आश्वासन दिया है कि वह घरेलू मुद्रा की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
