हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि मंगल ग्रह पर लगभग 3.6 अरब वर्ष पहले रेतीले समुद्र तट और विशाल महासागर मौजूद थे चीन के झूरोंग रोवर द्वारा एकत्रित आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी प्राप्त हुई है, जो मंगल ग्रह के प्राचीन जलमंडल और संभावित जीवन के संकेतों की ओर इशारा करती है।
झूरोंग रोवर ने 2021 में मंगल ग्रह पर उतरने के बाद एक वर्ष तक संचालन किया, जिसके दौरान उसने ग्राउंड-पैठने वाले रडार का उपयोग करके सतह के नीचे 80 मीटर तक की गहराई में जांच की। इन रडार छवियों में मोटी परतें दिखाई दीं, जो लगभग 15-डिग्री के कोण पर संभावित समुद्र तट की ओर झुकी हुई थीं, जो पृथ्वी पर समुद्र तट जमाव के समान हैं। इन परतों की मोटाई इंगित करती है कि मंगल पर लंबे समय तक पानी मौजूद था, जो तरंग क्रिया के माध्यम से तलछट को ढलान वाले समुद्र तट पर जमा करता था।
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर बेंजामिन कार्डेनास के अनुसार, “इन जमावों की उपस्थिति से संकेत मिलता है कि ग्रह का एक बड़ा हिस्सा लंबे समय तक जल विज्ञान सक्रिय था, जो इस बढ़ते समुद्र तट को पानी, तलछट और संभावित पोषक तत्व प्रदान करता था।” यह खोज मंगल ग्रह के प्राचीन पर्यावरण को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो संभवतः जीवन के लिए अनुकूल था।
इस अध्ययन के निष्कर्ष मंगल ग्रह पर प्राचीन महासागरों और समुद्र तटों की उपस्थिति के लिए सबसे ठोस प्रमाण प्रदान करते हैं, जो संकेत देते हैं कि ग्रह का प्रारंभिक वातावरण जीवन के लिए अधिक अनुकूल हो सकता था। यह खोज मंगल ग्रह पर पिछले जीवन के संकेतों की खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है।
