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मॉस्को, रूस: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप के तट पर शनिवार को 7.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 111 किलोमीटर पूर्व में, 39.5 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने इस भूकंप के बाद तट से 300 किलोमीटर के दायरे में खतरनाक लहरों की आशंका जताई है। 🌊
इस भूकंप के बाद किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान या बड़े पैमाने पर क्षति की तत्काल कोई खबर नहीं है, लेकिन क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। यह क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक बनाता है। पिछले कुछ समय में इस क्षेत्र में कई भूकंप आए हैं। इसी साल जुलाई में भी इसी जगह पर 8.8 तीव्रता का एक और शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसने पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी को ट्रिगर किया था।
उस समय, सुनामी की लहरें 4 मीटर तक ऊंची उठी थीं और हवाई से लेकर जापान तक कई तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। हालांकि, इस बार की स्थिति पर अधिकारी लगातार नजर बनाए हुए हैं और निवासियों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है। स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवा दल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। इमारतों में दरारों और कुछ इलाकों में बिजली गुल होने की खबरें भी मिली हैं, लेकिन ये नुकसान छोटे स्तर के प्रतीत होते हैं। इस क्षेत्र के निवासी, जो अक्सर भूकंप के झटकों का सामना करते हैं, ने भी इस बार के झटकों को काफी तेज बताया है।
भूकंप के बाद अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने घरों से बाहर निकलें और सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं। कामचटका प्रायद्वीप में स्थित पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की में, जहां भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस किए गए, वहां के निवासियों ने भूकंप के बाद सड़कों पर अफरातफरी का माहौल देखा। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
यह भूकंप एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि इस क्षेत्र को प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह क्षेत्र दो प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों – प्रशांत और उत्तरी अमेरिकी – के जंक्शन पर स्थित होने के कारण लगातार भूगर्भीय गतिविधियों का सामना करता है।
