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नई दिल्ली: भारत में पांचवीं पीढ़ी के रूसी स्टील्थ फाइटर जेट सुखोई Su-57E के स्वदेशी उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रूसी डिजाइन ब्यूरो सुखोई और अन्य रक्षा संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को एक तकनीकी रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि HAL के पास पहले से ही Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट के स्थानीय उत्पादन के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत क्षमता मौजूद है।
🇮🇳 क्षमता का आकलन और निष्कर्ष
रूसी विशेषज्ञों ने सितंबर में HAL की प्रमुख सुविधाओं का दौरा किया था। इसका उद्देश्य उत्पादन क्षमताओं, तकनीकी तैयारियों और कुशल कार्यबल की उपलब्धता का आकलन करना था।
नासिक डिवीज़न: इस इकाई में दो दशकों से अधिक समय से Su-30MKI का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन किया जा रहा है। रूसी टीम ने यहाँ के उच्च-स्तरीय एकीकरण और उत्पादन अनुभव को नोट किया।
कोरापुट डिवीज़न: इस सुविधा ने AL-31FP टर्बोफैन इंजनों के निर्माण और ओवरहॉलिंग में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
कासरगोड फैसिलिटी: रूसी टीम ने HAL की स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री का भी निरीक्षण किया, जहाँ मिशन कंप्यूटर और डिस्प्ले प्रोसेसर यूनिट जैसे महत्वपूर्ण एवियोनिक्स घटकों का उत्पादन होता है।
इस मूल्यांकन से यह संकेत मिला है कि Su-30MKI के उत्पादन के लिए विकसित HAL का मौजूदा बुनियादी ढाँचा और विशेषज्ञता Su-57 से संबंधित उत्पादन के लिए अनुकूल है, जिसमें आवश्यक अपग्रेड और नई टूलिंग की आवश्यकता होगी।
💰 HAL अब करेगी आंतरिक आकलन
रूसी निष्कर्षों के आधार पर, HAL ने भारत में Su-57E के पूर्ण पैमाने पर उत्पादन क्षमता प्राप्त करने की आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए अपनी आंतरिक रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। इस रिपोर्ट में बुनियादी ढांचे के संवर्धन, उन्नत प्रौद्योगिकियों, अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन और आपूर्ति श्रृंखला के विकास के लिए आवश्यक निवेश का अनुमान शामिल होगा। यह पहल आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम हो सकती है।
