Source Hindustan Times
वाराणसी, 30 मई 2025: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने हाल ही में स्वीकार किया है कि भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए ब्राह्मोस मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान की योजनाबद्ध सैन्य प्रतिक्रिया को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया। यह बयान उन्होंने अज़रबैजान के लाचिन में आयोजित एक शिखर सम्मेलन के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि 9-10 मई की रात को हुए इन हमलों ने पाकिस्तान को पूरी तरह से चौंका दिया और उसकी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया।
शरीफ़ ने बताया कि भारतीय ब्राह्मोस मिसाइलों ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस सहित कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना की परिचालन क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा। उन्होंने स्वीकार किया कि इन हमलों के कारण पाकिस्तान की प्रतिरोधात्मक कार्रवाई की योजना विफल हो गई।
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के पंजाब और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में नौ लक्ष्यों पर हमले किए, जिनमें बहावलपुर, सियालकोट, मुरिदके और मुज़फ़्फराबाद के सैन्य ठिकाने शामिल थे। इन हमलों में ब्राह्मोस मिसाइलों के साथ-साथ राफेल जेट्स और अन्य आधुनिक हथियारों का उपयोग किया गया।
ब्राह्मोस मिसाइलों की इस प्रभावशाली कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीफ़ द्वारा ब्राह्मोस की क्षमताओं की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति ने भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद की है। यह मिसाइल अब वैश्विक खरीदारों के लिए और भी आकर्षक विकल्प बन गई है।
इस सैन्य कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने भारत के साथ शांति वार्ता की इच्छा जताई है। शरीफ़ ने कहा कि कश्मीर, जल बंटवारा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जा सकता है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक वार्ता संभव नहीं है।
विश्लेषकों का मानना है कि ब्राह्मोस मिसाइलों की यह कार्रवाई भारत की सैन्य रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसने पाकिस्तान को न केवल सैन्य रूप से बल्कि कूटनीतिक रूप से भी दबाव में ला दिया है। इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में भारत की स्थिति और मजबूत हुई है।
शरीफ़ की यह स्वीकारोक्ति भारत की सैन्य क्षमताओं की पुष्टि करती है और यह संकेत देती है कि भविष्य में पाकिस्तान को अपनी सैन्य रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा।
