Source The Hindu
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और झारखंड के तीन बार के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से किडनी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है।
उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर इस दुखद खबर की पुष्टि करते हुए लिखा, “श्रद्धेय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए। आज मैं शून्य हो गया।”
“दिशोम गुरु” के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को हुआ था। उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया था। 1973 में उन्होंने विनोद बिहारी महतो और ए.के. रॉय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी।
शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा और साहूकारों के खिलाफ ‘धनकटनी आंदोलन’ जैसे कई आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिससे आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दिलाने में मदद मिली। उनके संघर्षों का ही नतीजा था कि 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ।
वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में कोयला मंत्री का पद भी संभाला। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
