भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां निफ्टी 1% गिरकर 22,568.50 पर और सेंसेक्स 800 अंक लुढ़ककर 74,601.88 पर बंद हुआ। यह गिरावट मुख्यतः तीन प्रमुख कारणों से हुई है:
1. अमेरिकी आर्थिक मंदी की आशंका: अमेरिका में फरवरी महीने में व्यावसायिक गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों में अमेरिकी आर्थिक मंदी की चिंता बढ़ी है। इसका सीधा असर भारतीय आईटी और वित्तीय क्षेत्रों पर पड़ा है, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 2025 में अब तक भारतीय बाजार से $11.75 बिलियन की निकासी की है। इस निरंतर बिकवाली ने बाजार की धारणा को कमजोर किया है, विशेषकर वित्तीय और आईटी क्षेत्रों में, जहां विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी अधिक है।
3. अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता: अमेरिकी टैरिफ नीतियों में संभावित बदलाव और घरेलू आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताओं ने निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इससे भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ी है और निवेशकों में बेचैनी देखी जा रही है।
इन तीनों कारकों के संयुक्त प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार में आज महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है।
