तेलंगाना में सुरंग ध्वंस के बाद बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। इस प्रयास में, उत्तराखंड के सिल्कियारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचाने वाले ‘रैट-होल’ खनिकों की टीम को विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन खनिकों ने अपने विशिष्ट कौशल और अनुभव के माध्यम से उत्तराखंड में 17 दिनों तक चले जटिल बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
‘रैट-होल’ खनन एक पारंपरिक और चुनौतीपूर्ण तकनीक है, जिसमें खनिक संकरे सुरंगों के माध्यम से खनिजों को निकालते हैं। उत्तराखंड के सिल्कियारा सुरंग हादसे में, जब मशीनों से मलबा हटाना कठिन हो गया, तब इन खनिकों ने अपने हाथों से मलबा साफ कर श्रमिकों तक पहुंच बनाई। उन्होंने 26 घंटे की लगातार मेहनत से यह कार्य पूरा किया।
तेलंगाना में वर्तमान सुरंग ध्वंस के बाद, बचाव दल ने इन अनुभवी खनिकों की सहायता मांगी है। उनकी विशेषज्ञता और समर्पण से उम्मीद है कि फंसे हुए श्रमिकों को शीघ्र और सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सकेगा। इससे पहले, उत्तराखंड में उनके प्रयासों की सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की गई थी।
बचाव कार्यों में शामिल सभी दलों का उद्देश्य एक ही है: फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें जल्द से जल्द उनके परिवारों से मिलाना। इस चुनौतीपूर्ण समय में, ‘रैट-होल’ खनिकों की विशेषज्ञता एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो रही है।
