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नई दिल्ली: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका/NSA) के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक दिन के लिए टल गई है। शीर्ष अदालत अब इस मामले की सुनवाई बुधवार, 15 अक्टूबर को करेगी।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने मंगलवार को समय की कमी के कारण मामले को स्थगित कर दिया। याचिकाकर्ता (वांगचुक की पत्नी) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर पीठ ने सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की।
याचिका में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत हिरासत को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है। वांगचुक को लद्दाख में 26 सितंबर को हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस बीच, लेह प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर वांगचुक पर रासुका लगाने के फैसले का बचाव किया है। हलफनामे में कहा गया है कि वांगचुक की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक थीं, और हिरासत का आदेश उचित प्रक्रिया के बाद पारित किया गया था।
वांगचुक वर्तमान में राजस्थान की जोधपुर केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उनकी पत्नी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि हिरासत दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई है, जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक असंतोष को दबाना है।
