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रोम/मैड्रिड/एथेंस: दक्षिणी यूरोप इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 फ़ारेनहाइट) से ऊपर पहुंच गया है। इटली, स्पेन, ग्रीस और पुर्तगाल जैसे देशों में लोग चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे हैं, जिससे सामान्य जनजीवन और पर्यटन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की गर्मी की लहरें अब दक्षिणी यूरोप में अधिक बार और तीव्र हो रही हैं। यह इस साल की पहली बड़ी गर्मी की लहर है और इसने कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
प्रमुख बिंदु:
* तापमान में वृद्धि: स्पेन के कुछ हिस्सों, जैसे सेविले, में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पुर्तगाल में भी कई क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, लिस्बन में 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है। इटली में रोम, मिलान और नेपल्स सहित 21 शहरों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने उच्चतम गर्मी अलर्ट जारी किया है। ग्रीस में भी जंगल की आग का खतरा बढ़ गया है, एथेंस के पास एक बड़ी आग ने पहले ही evacuations को मजबूर कर दिया है।
* स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: अधिकारियों ने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को। उन्हें हाइड्रेटेड रहने, सीधी धूप से बचने और दोपहर के सबसे गर्म घंटों में बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। कुछ क्षेत्रों में बाहरी काम पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
* पर्यटन पर असर: इस भीषण गर्मी का पर्यटन पर भी असर पड़ रहा है। पर्यटक गर्मी से बचने के लिए वातानुकूलित स्थानों और छायादार इलाकों की तलाश कर रहे हैं। कई लोगों को अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करना पड़ा है।
* जंगल की आग का खतरा: शुष्क और गर्म मौसम के कारण पूरे क्षेत्र में जंगल की आग का खतरा बढ़ गया है। पुर्तगाल और ग्रीस में अग्निशमन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।
* भविष्य की चेतावनी: मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भी गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा, और ऐसी चरम मौसमी घटनाएं भविष्य में और भी आम हो सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसे “नया सामान्य” बताया है और जलवायु कार्रवाई के लिए तत्काल आह्वान किया है।
स्थानीय सरकारें और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और आवश्यक सावधानी बरतने के लिए कदम उठा रहे हैं।
