Source The Economics Time
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को जबरदस्त उछाल देखने को मिला। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 900 अंक से अधिक की छलांग लगाकर नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी पहली बार 25,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करने में कामयाब रहा। इस शानदार तेजी ने निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस रैली के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक जिम्मेदार हैं।
बाजार में इस जोरदार तेजी के 4 प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. मजबूत वैश्विक संकेत:
वैश्विक बाजारों से मिल रहे सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार को सहारा दिया। अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों में नरमी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने निवेशकों की धारणा को मजबूत किया है। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तेजी का रुख देखा गया, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।
2. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की खरीदारी:
हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय इक्विटी बाजार में अपनी खरीदारी बढ़ाई है। विदेशी पूंजी के प्रवाह से बाजार में तरलता बढ़ी है और यह तेजी को बनाए रखने में मददगार साबित हुआ है।
3. कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजे:
कई बड़ी भारतीय कंपनियों द्वारा घोषित किए गए मजबूत तिमाही नतीजों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन से भविष्य की आय वृद्धि की उम्मीदें मजबूत हुई हैं, जिससे निवेशकों ने खरीदारी की। खासकर बैंकिंग, वित्तीय सेवा और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में बेहतर नतीजे देखे गए हैं।
4. राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता की उम्मीदें:
हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद बाजार में राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता को लेकर आशावाद बढ़ा है। एक स्थिर सरकार और अनुकूल नीतियों की उम्मीदें निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं, जिससे पूंजी निवेश को प्रोत्साहन मिल रहा है।
कुल मिलाकर, मजबूत वैश्विक रुझान, विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी, कंपनियों के उत्साहजनक नतीजे और राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदों ने मिलकर भारतीय शेयर बाजार में इस शानदार रैली को जन्म दिया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये कारक बने रहते हैं, तो आने वाले समय में भी तेजी का यह रुख जारी रह सकता है।
