Source Live law
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2025 — सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राज्य उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसने स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 42% आरक्षण पर रोक लगाई थी।
उच्च न्यायालय ने पहले ही इस आरक्षण को “संवैधानिक सीमा से परे” बताते हुए स्थगित किया था। संविधान के अनुसार, कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता, जबकि तेलंगाना सरकार द्वारा प्रस्तावित 42% पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ कुल आरक्षण सीमा 70% तक पहुँच रही थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश न्यायोचित है और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी कि वह पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर ठोस सामाजिक और शैक्षणिक डेटा के आधार पर नई रिपोर्ट तैयार करे और उसके बाद ही पुनर्विचार के लिए आवेदन करे।
राज्य सरकार ने दावा किया था कि तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग की आबादी अधिक है, इसलिए उच्च आरक्षण की आवश्यकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “आरक्षण का निर्धारण केवल जनसंख्या के अनुपात पर नहीं, बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के प्रमाणित आधार पर होना चाहिए।”
यह फैसला तेलंगाना में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
