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काबुल/इस्लामाबाद, 8 नवंबर 2025: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रही शांति वार्ता एक बार फिर नाकाम हो गई है। वार्ता के टूटने के बाद तालिबान ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी सीमाओं के भीतर किसी भी प्रकार की “विदेशी दखलअंदाजी” या “सैन्य कार्रवाई” बर्दाश्त नहीं करेगा।
सूत्रों के अनुसार, इस्लामाबाद और काबुल के बीच वार्ता में आतंकवाद और सीमा पार हमलों को लेकर मतभेद गहराए हुए हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) जैसे आतंकी संगठन कर रहे हैं, जबकि तालिबान ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने अंदरूनी मुद्दों के लिए दूसरों को दोष न दे।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, “अफगानिस्तान अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा करेगा। कोई भी देश हमारी सीमाओं के भीतर हस्तक्षेप नहीं कर सकता। अगर पाकिस्तान ने सीमा पार कार्रवाई की कोशिश की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
उधर, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लामाबाद क्षेत्र में शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। दोनों देशों के बीच हाल ही में सीमा पर झड़पों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें कई सैनिकों और नागरिकों की मौत हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, जिससे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
