Source Financial Express
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार आरोप फ्रेशर्स की ओर से लगाए गए हैं, जिन्होंने कंपनी पर जबरदस्ती इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने और न मानने पर भविष्य में ब्लैकलिस्ट करने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
टीसीएस के नए कर्मचारियों (फ्रेशर्स) का कहना है कि कंपनी उन्हें बिना उचित कारण बताए प्रोजेक्ट्स से हटा रही है और फिर “बेंच” पर डालने के बाद दबाव बनाकर इस्तीफे के लिए मजबूर कर रही है। जिन कर्मचारियों ने इस्तीफा देने से इनकार किया, उन्हें कथित तौर पर धमकी दी गई कि अगर वे नहीं मानेंगे तो भविष्य में उन्हें किसी भी अन्य टीसीएस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया जाएगा, और कंपनी उन्हें “ब्लैकलिस्ट” कर देगी।
एक फ्रेशर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमें महीनों से ट्रेनिंग दी गई, लेकिन अब अचानक कहा जा रहा है कि कोई प्रोजेक्ट नहीं है। इस्तीफा दो या फिर भविष्य में टीसीएस में काम नहीं कर पाओगे।”
इस पूरे मामले को लेकर टीसीएस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस तरह की खबरों ने कंपनी की भर्ती और आंतरिक प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये आरोप सही साबित होते हैं तो यह श्रमिक अधिकारों और कंपनियों के व्यवहार को लेकर बड़ी बहस को जन्म देगा। भारत में आईटी कंपनियों पर पहले भी कर्मचारियों को बिना पूर्व सूचना के बाहर निकालने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन फ्रेशर्स के साथ ऐसा व्यवहार करना एक गंभीर मुद्दा बन सकता है।
सरकार और श्रम मंत्रालय की ओर से इस मामले में जांच की मांग की जा रही है। कई कर्मचारियों ने लेबर कोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी है।
