Source Financial Express
नई दिल्ली: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में हाल ही में हुई छंटनी की खबरों के बीच, कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और अन्य वरिष्ठ नेतृत्व के वेतन से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक हुई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब टीसीएस सहित कई बड़ी आईटी कंपनियां वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण लागत में कटौती करने और अपने कार्यबल को पुनर्गठित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टीसीएस के सीईओ और प्रबंध निदेशक के. कृतिवासन का वार्षिक वेतन और अन्य लाभ करोड़ों रुपये में हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनी के अन्य शीर्ष अधिकारियों को भीsubstantial पैकेज मिलते हैं। हालांकि सटीक आंकड़े सार्वजनिक रूप से आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन इन रिपोर्टों ने ऐसे समय में शीर्ष प्रबंधन के उच्च वेतन पर सवाल खड़े कर दिए हैं जब कंपनी कर्मचारियों की छंटनी कर रही है।
कंपनी के सूत्रों का कहना है कि छंटनी का निर्णय वैश्विक स्तर पर बदलती व्यावसायिक आवश्यकताओं और बाजार की स्थितियों के जवाब में लिया गया है। टीसीएस ने यह भी तर्क दिया है कि वह अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और प्रभावित कर्मचारियों को सहायता प्रदान कर रही है।
हालांकि, कर्मचारियों और श्रमिक संघों ने इस छंटनी पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकालना अनुचित है, खासकर जब कंपनी के शीर्ष अधिकारी भारी वेतन और भत्तों का आनंद ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर गरमागरम बहस छिड़ी हुई है, जिसमें कई लोग कंपनी के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम भारतीय आईटी उद्योग में एक व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है, जहां कंपनियां बढ़ती प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबावों का सामना कर रही हैं। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में और भी कंपनियां लागत अनुकूलन के लिए इस तरह के कदम उठा सकती हैं।
टीसीएस के प्रवक्ता ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कंपनी के वित्तीय परिणामों और आगामी घोषणाओं पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी ताकि यह पता चल सके कि इन छंटनियों और शीर्ष प्रबंधन के वेतन का कंपनी की समग्र रणनीति और प्रदर्शन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
