तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के ढहने से आठ श्रमिक फंस गए हैं, जिनकी बचाव कार्य जारी है। इस घटना ने राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को जन्म दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव (केटीआर) ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विशेषज्ञों से परामर्श किए बिना परियोजना को जल्दबाजी में पूरा किया, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा, “उन्होंने लालच के कारण विशेषज्ञों और इंजीनियरों से परामर्श किए बिना 10 साल पुरानी परियोजना शुरू कर दी और यही वजह है कि 8 श्रमिक वहां फंस गए हैं – कोई नहीं जानता कि वे जीवित हैं या मरे… मैं उन्हें दूसरों पर दोष मढ़ने के बजाय काम करने का सुझाव दूंगा।”
इसके जवाब में, सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी हर घंटे स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने उन्हें और मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव को बचाव कार्य का समन्वय करने के लिए नियुक्त किया है। उन्होंने बीआरएस नेतृत्व की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वे एसएलबीसी सुरंग घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, बजाय इसके कि वे बचाव प्रयासों का समर्थन करें।
बीजेपी नेता मर्री शशिधर रेड्डी ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है, और सरकार ने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती। उन्होंने बेहतर सुरक्षा उपाय और एक व्यापक आपदा प्रबंधन योजना बनाने का आह्वान किया।
इस बीच, बचाव कार्य तेजी से जारी है, जिसमें सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां शामिल हैं। एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरों का उपयोग करके फंसे हुए श्रमिकों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है, जबकि एनडीआरएफ डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया गया है।
यह घटना तेलंगाना में आगामी विधान परिषद चुनावों के बीच हुई है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है। जहां एक ओर सरकार बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं विपक्षी दल इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साध
रहे हैं।
