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वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने के लिए 50 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि रूस इस समय-सीमा के भीतर युद्ध समाप्त करने के लिए किसी समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो उसे 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही, उन्होंने उन देशों पर भी प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है जो रूस से तेल खरीदते हैं।
यह कड़ी चेतावनी सोमवार (14 जुलाई 2025) को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में नाटो (NATO) महासचिव मार्क रुटे के साथ बैठक के दौरान दी गई। ट्रंप ने साफ किया कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए दृढ़ हैं, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
ट्रंप ने कहा, “अगर 50 दिनों में कोई समझौता नहीं होता है, तो हम बहुत कड़े टैरिफ लगाएंगे।” उन्होंने संकेत दिया कि ये टैरिफ 100 प्रतिशत तक हो सकते हैं, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन उत्पादों पर ये टैरिफ लगाए जाएंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ये “सेकेंडरी टैरिफ” होंगे, जिसका अर्थ है कि रूस के साथ व्यापार करने वाले अन्य देशों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, विशेष रूप से वे देश जो रूसी तेल खरीदते हैं।
यह घोषणा ट्रंप प्रशासन की रूस-यूक्रेन नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है। हाल के दिनों में, ट्रंप ने यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम सहित उन्नत हथियार भेजने की भी घोषणा की है, जबकि पहले वह यूक्रेन को हथियार भेजने के खिलाफ रहे थे। इस कदम को पुतिन पर दबाव बनाने और शांति वार्ता को गति देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
इस अल्टीमेटम के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें रूस और यूक्रेन पर टिकी हैं कि क्या वे ट्रंप द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर किसी शांति समझौते पर पहुंच पाएंगे। इस बीच, विश्लेषकों ने ट्रंप के इस फैसले को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इसके वैश्विक व्यापार और भू-राजनीतिक संबंधों पर व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
