Source TTOI
1 जून 2025 को यूक्रेन ने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ के तहत रूस के पांच प्रमुख एयरबेसों पर एक अभूतपूर्व ड्रोन हमला किया, जिसमें 41 से अधिक रूसी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए। इस हमले को यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने 18 महीनों की योजना और तैयारी के बाद अंजाम दिया।
इस ऑपरेशन में यूक्रेनी एजेंटों ने विस्फोटक से लैस ड्रोन को लकड़ी के शेड्स की छतों में छिपाकर रूस के भीतर ट्रकों के माध्यम से एयरबेसों के पास पहुंचाया। इन शेड्स को दूर से नियंत्रित करके ड्रोन लॉन्च किए गए, जिससे रूस के बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो, ओलेन्या और यूक्रेनका एयरबेसों को निशाना बनाया गया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को “स्वतंत्र रूप से अंजाम दी गई एक शानदार सफलता” बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन रूस के रणनीतिक बमवर्षकों की क्षमता को कमजोर करने के लिए किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले से रूस को लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को “आतंकवादी हमला” करार दिया है, जबकि यूक्रेन ने इसे अपने आत्मरक्षा के अधिकार के तहत एक वैध सैन्य कार्रवाई बताया है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की तैयारी चल रही थी।
10 प्रमुख तथ्य:
1. ऑपरेशन ‘स्पाइडर वेब’ 1 जून 2025 को अंजाम दिया गया।
2. यूक्रेन ने 117 ड्रोन का उपयोग करके रूस के पांच एयरबेसों पर हमला किया।
3. 41 से अधिक रूसी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए।
4. हमले की योजना और तैयारी में 18 महीने लगे।
5. ड्रोन को लकड़ी के शेड्स की छतों में छिपाकर ट्रकों के माध्यम से रूस के भीतर पहुंचाया गया।
6. हमले से रूस को लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
7. रूसी रक्षा मंत्रालय ने इसे “आतंकवादी हमला” बताया।
8. यूक्रेन ने इसे आत्मरक्षा के तहत एक वैध सैन्य कार्रवाई बताया।
9. हमला इस्तांबुल में शांति वार्ता से ठीक पहले हुआ।
10. यह अब तक का रूस के भीतर सबसे बड़ा और दूरस्थ ड्रोन हमला था।
यह ऑपरेशन यूक्रेन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक सोच का प्रतीक है, जिसने रूस के गहरे इलाकों में जाकर उसकी सैन्य ताकत को चुनौती दी है।
