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नई दिल्ली, 3 जून 2025 — हाल ही में एक ऐसा सप्लीमेंट चर्चा में आया है जो शरीर के दूसरे सबसे अधिक मात्रा में पाए जाने वाले खनिज — मैग्नीशियम — को लक्ष्य करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खनिज न केवल मांसपेशियों और नसों के कार्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हृदय स्वास्थ्य, हड्डियों की मज़बूती और ऊर्जा उत्पादन में भी अहम भूमिका निभाता है।
हालांकि बाजार में मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स की भरमार है, लेकिन यह नया सप्लीमेंट ‘ग्लाइसिनेट फॉर्म’ में है, जिसे शरीर अधिक प्रभावी रूप से अवशोषित कर सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है जो थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, नींद की कमी या माइग्रेन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोत
डॉक्टरों का मानना है कि सप्लीमेंट लेने से पहले मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोतों को आहार में शामिल करना चाहिए। यह खनिज निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है:
हरी पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे पालक, मेथी)
नट्स और बीज (जैसे बादाम, कद्दू के बीज)
पूरा अनाज (ब्राउन राइस, ओट्स)
डार्क चॉकलेट
केला और एवोकाडो
विशेषज्ञों की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वयस्कों को प्रतिदिन लगभग 310 से 420 मिलीग्राम मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। यदि आहार में इसकी कमी हो रही हो, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लेना उपयोगी हो सकता है। हालांकि, अधिक मात्रा में सेवन से दस्त या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
आधुनिक जीवनशैली, तनाव और प्रोसेस्ड फूड्स के बढ़ते सेवन के कारण लोगों में मैग्नीशियम की कमी आम हो गई है। ऐसे में यह नया सप्लीमेंट एक प्रभावी समाधान के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
