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नई दिल्ली: भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी स्थापित क्षमता को पिछले एक दशक में तीन गुना बढ़ाकर 232 गीगावॉट (GW) तक पहुंचा दिया है। सरकार ने अब वर्ष 2030 तक इस क्षमता को 500 गीगावॉट तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 में देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 76 गीगावॉट थी, जो अब बढ़कर 232 गीगावॉट हो गई है। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोमास और जल विद्युत (छोटी परियोजनाएं) शामिल हैं।
ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने कहा, “भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते हुए वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी राष्ट्र बन रहा है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता और ‘पंचामृत’ लक्ष्यों की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं जैसे कि पीएम-कुसुम योजना, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान की है। इसके अलावा निजी निवेश और वैश्विक सहयोग ने भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रफ्तार जारी रही, तो भारत न केवल अपने जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करेगा, बल्कि वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भी एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा।
2030 तक 500 गीगावॉट का लक्ष्य न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा और कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाएगा।
