लखनऊ, 5 मई 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी मानसून सत्र से पहले बाढ़ संभावित जिलों में बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं के लिए ₹200 करोड़ की स्वीकृति दी है। इस निर्णय का उद्देश्य सरयू, गंगा, राप्ती और रोहिन नदियों के किनारे स्थित तटबंधों को सुदृढ़ करना है, जिससे बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह निधि गोरखपुर, श्रावस्ती, अमेठी, सीतापुर, आजमगढ़, गाज़ीपुर और बुलंदशहर जैसे बाढ़ प्रवण जिलों में बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं के लिए उपयोग की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने और किसी भी प्रकार की लापरवाही के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं।
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास सिंह ने बताया कि गोरखपुर में राप्ती, रोहिन, घाघरा, कुआनो और गुर्रा नदियों के तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा की 27 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिन पर ₹119 करोड़ से अधिक खर्च किए गए हैं।
राज्य सरकार ने पहले भी बाढ़ प्रबंधन के लिए व्यापक योजनाएं बनाई हैं, जिसमें 100 स्थायी बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण भी शामिल है, जिन पर ₹622 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
यह कदम राज्य सरकार की बाढ़ प्रबंधन रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपदा के प्रभाव को न्यूनतम करना है।
