न्यायालय के आदेश के अनुसार, Byju’s अल्फा से जुड़े कई फंड ट्रांसफर धोखाधड़ीपूर्ण थे और इन्हें चोरी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा, रिजु रवींद्रन ने Byju’s अल्फा के निदेशक के रूप में अपने फिड्यूशियरी कर्तव्यों का उल्लंघन किया है।
यह मामला $1.2 बिलियन के टर्म लोन से संबंधित है, जिसमें से $533 मिलियन की राशि का गबन किया गया था। ऋणदाताओं ने आरोप लगाया कि Byju’s और इसके संबंधित पक्षों ने इस राशि को छिपाने और उसके स्थान के बारे में जानकारी देने से इनकार किया। न्यायालय ने इन आरोपों को सही पाया और संबंधित पक्षों को दोषी ठहराया।
इस निर्णय के बाद, ऋणदाताओं ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो उन्हें उनके चोरी हुए फंड्स की वसूली में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “हम संतुष्ट हैं कि न्यायालय ने स्पष्ट रूप से माना कि रिजु रवींद्रन, कैम्शाफ्ट, और Byju’s ने मिलकर $533 मिलियन की चोरी से संबंधित एक वैश्विक स्तर पर जानबूझकर धोखाधड़ी की है। यह ऋणदाताओं के लिए उनके चोरी हुए फंड्स की वसूली के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
यह निर्णय Byju’s के लिए एक और झटका है, जो पहले से ही वित्तीय और कानूनी समस्याओं का सामना कर रही है। कंपनी को अब अपनी साख बहाल करने और अपने निवेशकों और ग्राहकों का विश्वास पुनः प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।