Source India Today
वॉशिंगटन: अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने हाल ही में घोषित $100,000 (लगभग ₹88 लाख) के एच-1बी (H-1B) वीज़ा शुल्क पर महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है, जिससे अमेरिका में काम करने वाले और पढ़ने वाले हजारों भारतीय छात्रों और तकनीकी पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है।
किसे देनी होगी फीस, किसे नहीं?
USCIS द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, $100,000 का यह शुल्क केवल नए एच-1बी वीज़ा आवेदनों पर लागू होगा जो उन लाभार्थियों के लिए 21 सितंबर 2025 को या उसके बाद दायर किए गए हैं जो वर्तमान में अमेरिका से बाहर हैं और जिनके पास वैध एच-1बी वीज़ा नहीं है।
इन लोगों को मिली छूट:
मौजूदा वीज़ाधारक: जिन लोगों के पास पहले से ही वैध एच-1बी वीज़ा है, उन्हें अपने वीज़ा के नवीनीकरण (Renewal), विस्तार (Extension), या नए नियोक्ता के लिए संशोधन (Amendment) के लिए यह बढ़ी हुई फीस नहीं देनी होगी।
स्टेटस बदलने वाले छात्र: अमेरिका में एफ-1 (F-1) छात्र वीज़ा पर रह रहे अंतर्राष्ट्रीय छात्र, जो अपना स्टेटस बदलकर एच-1बी वीज़ा के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें भी इस शुल्क से छूट दी गई है। यह उनके लिए एक बड़ी राहत है जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में काम करना चाहते हैं।
L-1 वीज़ाधारक: एल-1 (L-1) वीज़ा से एच-1बी में स्टेटस बदलने वाले पेशेवरों को भी यह शुल्क नहीं देना होगा।
प्रभावी तिथि से पहले के आवेदन: 21 सितंबर 2025 से पहले दायर किए गए किसी भी एच-1बी आवेदन पर यह फीस लागू नहीं होगी।
यह स्पष्टीकरण उन आशंकाओं को दूर करता है, जिनमें यह माना जा रहा था कि वीज़ाधारक अगर अमेरिका से बाहर जाते हैं तो लौटने पर उन्हें यह भारी शुल्क देना पड़ सकता है। USCIS ने स्पष्ट किया है कि वैध वीज़ा पर बाहर गए हुए मौजूदा वीज़ाधारकों को भी यह शुल्क नहीं देना होगा। अमेरिकी अधिकारियों ने इस शुल्क का बचाव करते हुए कहा था कि यह उच्च आय वाले कुशल श्रमिकों को आकर्षित करने और विदेशी श्रम पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने का एक प्रयास है।
