Source Times of India
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चिप्स और स्टील के आयात पर भारी शुल्क लगाने का संकेत दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार में एक और बड़ी हलचल पैदा हो गई है। यह कदम उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों और श्रमिकों को लाभ पहुंचाना है।
ट्रम्प ने हाल ही में एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों को बताया कि वह अगले एक या दो सप्ताह में स्टील और चिप्स पर टैरिफ की घोषणा करेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सेमीकंडक्टर पर शुल्क 300% तक जा सकता है। इससे पहले भी, उन्होंने सेमीकंडक्टर पर 100% टैरिफ लगाने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने इसे और भी बढ़ाने की संभावना जताई है।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ट्रम्प प्रशासन पहले ही स्टील और एल्यूमीनियम पर 50% तक का टैरिफ बढ़ा चुका है। ट्रम्प ने कहा कि शुरुआती दरें कम होंगी ताकि कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन शुरू करने का मौका मिले, लेकिन एक निश्चित समय के बाद ये दरें बहुत अधिक हो जाएंगी। उनका मानना है कि कंपनियां भारी शुल्क का सामना करने के बजाय अमेरिका में ही विनिर्माण करना पसंद करेंगी।
इस कदम का सीधा असर भारत, चीन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर पड़ेगा। भारत के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि सेमीकंडक्टर का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को निर्यात किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन शुल्कों से अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और अन्य डिजिटल उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं। ट्रम्प का यह फैसला घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और व्यापार घाटे को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है।
