Connect with us

Hi, what are you looking for?

Technology, Finance, Business & Education News in HindiTechnology, Finance, Business & Education News in Hindi

World

अमेरिका का दोहरा रवैया: आसिम मुनीर का निमंत्रण और ‘अतुलनीय साझेदार’ का ढोंग

SOURCE Deccan Herald

वाशिंगटन/इस्लामाबाद: अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका आमंत्रित करना और पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ‘अतुलनीय साझेदार’ करार देना, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के विरोधाभासों और भू-राजनीतिक स्वार्थों को उजागर करता है। जहां एक ओर अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी वापसी के बाद क्षेत्रीय स्थिरता के लिए पाकिस्तान पर निर्भरता दिखाता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के भीतर आतंकवाद के पनाहगाहों और मानवाधिकार उल्लंघनों पर उसकी चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का यह बयान कि “पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ हमारा एक अतुलनीय साझेदार है” कई विश्लेषकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए चौंकाने वाला है। पाकिस्तान पर लंबे समय से विभिन्न आतंकी समूहों को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं, और इन पर पाकिस्तान में कार्रवाई की मांग अक्सर की जाती रही है। ऐसे में, ‘अतुलनीय साझेदार’ का तमगा देना, क्या केवल रणनीतिक मजबूरी है या फिर अमेरिका अपनी पिछली विफलताओं को ढकने का प्रयास कर रहा है?

जनरल आसिम मुनीर का यह आमंत्रण ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका इस निमंत्रण के माध्यम से पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है, ताकि भविष्य में किसी भी अस्थिरता की स्थिति में वह अपने हितों की रक्षा कर सके। हालांकि, इस तरह की “साझेदारी” पाकिस्तान में लोकतंत्र की जड़ों को और कमजोर कर सकती है, क्योंकि यह सैन्य प्रतिष्ठान को और अधिक वैधता प्रदान करती है, जो अक्सर चुनी हुई सरकारों को दरकिनार कर देता है।

आलोचकों का तर्क है कि अमेरिका का यह कदम उसकी ‘आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध’ की नीति में दोहरा मापदंड दर्शाता है। यदि अमेरिका वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ गंभीर है, तो उसे उन देशों पर दबाव डालना चाहिए जो आतंकी समूहों को आश्रय या समर्थन देते हैं, न कि उन्हें ‘साझेदार’ कहकर सम्मानित करना चाहिए। यह कदम न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह उन देशों को भी निराश करता है जो वास्तव में आतंकवाद से लड़ रहे हैं और जिनके नागरिकों को पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से नुकसान उठाना पड़ा है।

संक्षेप में, आसिम मुनीर का अमेरिका दौरा और पाकिस्तान को ‘अतुलनीय साझेदार’ कहना, अमेरिका की अपनी भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं का प्रतिबिंब है, जिसमें सिद्धांतों से अधिक व्यावहारिकता को महत्व दिया जा रहा है। यह देखना होगा कि यह ‘साझेदारी’ आतंकवाद के खिलाफ वास्तविक प्रगति लाएगी, या केवल एक और कूटनीतिक दिखावा साबित होगी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

World

Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora.

Business

Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum fugiat.

Politics

Quis autem vel eum iure reprehenderit qui in ea voluptate velit esse quam nihil molestiae consequatur, vel illum qui dolorem eum.

Finance

Neque porro quisquam est, qui dolorem ipsum quia dolor sit amet, consectetur, adipisci velit, sed quia non numquam eius modi tempora.

Copyright © 2020 ZoxPress Theme. Theme by MVP Themes, powered by WordPress.