नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ते तापमान का असर वन्यजीवों पर गहराने लगा है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में पता चला है कि बढ़ते तापमान से मगरमच्छों के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहे हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि अधिक गर्मी के कारण मगरमच्छों की गतिविधियों में कमी आ रही है। वे दिन के समय कम सक्रिय हो रहे हैं और उनके खाने-पीने की आदतों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। इससे उनके विकास और प्रजनन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
प्राकृतिक संतुलन पर असर विशेषज्ञों का मानना है कि मगरमच्छ पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि वे तेजी से विलुप्त होने लगे, तो जलचर जीवों की श्रृंखला भी प्रभावित होगी। मगरमच्छों की संख्या में गिरावट से नदी और झीलों के पर्यावरणीय संतुलन पर भी असर पड़ेगा।
संरक्षण की जरूरत वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के आधार पर मगरमच्छों के लिए संरक्षित क्षेत्रों को बढ़ाने और उनके आवासों को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने की भी सिफारिश की गई है।
मगरमच्छों के बदलते व्यवहार से यह स्पष्ट हो रहा है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अब गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में मगरमच्छों का अस्तित्व संकट में पड़
सकता है।
