Source India Today
टेक्नोलॉजी जगत में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जोहो कॉर्प के सीईओ श्रीधर वेम्बु द्वारा लंबे समय से प्रस्तावित “इंटरऑपरेबिलिटी” यानी विभिन्न मैसेजिंग ऐप्स के बीच बातचीत की सुविधा अब हकीकत बनती दिख रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाट्सएप जल्द ही भारतीय ऐप अरट्टई (Arattai) के साथ जुड़कर एक ऐसा फीचर ला सकता है जिससे यूज़र्स व्हाट्सएप से सीधे अरट्टई यूज़र्स को संदेश भेज सकेंगे।
यह कदम यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) जैसे नियमों से प्रेरित बताया जा रहा है, जिसके तहत बड़ी टेक कंपनियों को इंटरऑपरेबिलिटी की दिशा में काम करना अनिवार्य किया गया है। हालांकि भारत में अभी ऐसे कोई नियम नहीं हैं, लेकिन जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बु लंबे समय से इस तरह की तकनीकी स्वतंत्रता और खुले डिजिटल इकोसिस्टम की वकालत कर रहे हैं।
अगर यह सुविधा शुरू होती है, तो यह भारतीय यूज़र्स के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकती है। इससे न केवल लोगों को अलग-अलग ऐप्स के बीच बातचीत करने की सुविधा मिलेगी, बल्कि भारतीय टेक कंपनियों जैसे जोहो को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरऑपरेबिलिटी से यूज़र चॉइस और प्राइवेसी दोनों को मजबूती मिलेगी। इससे एकाधिकार कम होगा और छोटे ऐप्स को भी बड़ा यूज़र बेस बनाने का अवसर मिलेगा।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि व्हाट्सएप और अरट्टई के बीच यह फीचर कब तक लॉन्च होगा। लेकिन अगर यह साझेदारी साकार होती है, तो यह भारतीय टेक इकोसिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
निष्कर्ष:
श्रीधर वेम्बु का सपना—एक खुला और आपस में जुड़ा हुआ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म—अब धीरे-धीरे वास्तविकता बनता नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि व्हाट्सएप इस नई दिशा में कितना आगे बढ़ता है और भारतीय यूज़र्स को यह सुविधा कब तक मिल पाती है।
