Source TOI
नई दिल्ली: हाल के वर्षों में भारत के युवाओं में यूरिक एसिड का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। पहले जहां यह समस्या 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में अधिक पाई जाती थी, वहीं अब 20 से 35 वर्ष के बीच के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड, नींद की कमी और शारीरिक निष्क्रियता इसके प्रमुख कारण हैं।
क्या है यूरिक एसिड और क्यों बढ़ता है?
यूरिक एसिड शरीर में प्यूरिन नामक पदार्थ के टूटने से बनता है। जब शरीर में इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह रक्त में क्रिस्टल्स के रूप में जमा होने लगता है। ये क्रिस्टल जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी में स्टोन जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक जंक फूड, रेड मीट, शक्करयुक्त पेय (जैसे सोडा या एनर्जी ड्रिंक), अल्कोहल और कम पानी पीना यूरिक एसिड बढ़ाने के मुख्य कारण हैं।
दिल पर इसका असर
उच्च यूरिक एसिड का स्तर न केवल जोड़ों बल्कि दिल की सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है।
यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है।
शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ने से हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज का खतरा रहता है।
लंबे समय तक यूरिक एसिड अधिक रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है।
🩺 1 महीने में घटाने के 3 आसान उपाय
1. डाइट सुधारें:
फास्ट फूड, रेड मीट और शक्करयुक्त पेय से बचें। अपनी प्लेट में सब्जियां, फल और ओट्स जैसी फाइबरयुक्त चीजें शामिल करें। खासकर चेरी, टमाटर और नींबू जैसे एंटीऑक्सिडेंट वाले फूड्स लाभदायक हैं।
2. पानी ज्यादा पिएं:
दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड बाहर निकलता है और किडनी बेहतर काम करती है।
3. रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें:
नियमित वॉक, योग या हल्का वर्कआउट मेटाबॉलिज्म सुधारता है और यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखता है।
डॉक्टरों की सलाह:
यदि थकान, जोड़ों में दर्द या सुबह उठते ही उंगलियों में अकड़न महसूस हो, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराएं। समय पर पहचान और जीवनशैली में बदलाव से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
आज की व्यस्त दिनचर्या में छोटी-छोटी आदतें जैसे पानी ज्यादा पीना, स्वस्थ भोजन करना और हर दिन थोड़ी एक्सरसाइज करना, न सिर्फ यूरिक एसिड घटाने में मदद करती हैं बल्कि दिल की सेहत को भी मजबूत बनाती हैं।
